पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है/What is the Polygraph test & Process?

पिछले Article में हमने जाना की Narco Test क्या होता है उसी प्रकार हमें यह भी जानने की इच्छा होती की Polygrph Test क्या होता क्योंकि जब भी नार्को टेस्ट की जिक्र आता है तो उसके साथ पॉलीग्राफ टेस्ट का भी जिक्र आता है यह  दोनों टेस्ट एक तरह से एक दूसरे के जैसे ही है पर इनको करने का तरीका जरूर अलग है .


अक्सर हमने सुना है कि किसी अपराधी का पॉलीग्राफ टेस्ट  (Polygraph Test  )किया गया है , पर क्या आप जानते हैं पॉलीग्राफ टेस्ट  क्या होता हैं ,और ये कैसे किया जाता हैं ,क्यों इस टेस्ट को करने की आवश्यकता पड़ती हैं,


आज के आधुनिक युग में ज़्यदातर लोग इसके बारे में जानते होंगे लेकिन अगर आप इस टेस्ट के बारे में नहीं जानते तो आइये में आपको इस टेस्ट की जानकारी देता हूँ। 


पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है/What is the Polygraph test

पॉलीग्राफ टेस्ट  'नार्को टेस्ट ' की तरह किसी व्यक्ति के झूट का पता लगाने के लिए किया जाता है इस टेस्ट को Lie Detector टेस्ट भी कहते हैं लेकिन इसकी प्रोसेस नार्को टेस्ट से अलग होती है
इस टेस्ट में आधुनिक मसीनो द्वारा किसी व्यक्ति के झूट का पता लगाया जाता है ,
यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की के सच और झूट पता पता लगाने चाहे तो यह अपने आप में एक मुश्किल बात होगी लेकिन अगर मशीन द्वारा इसका पता लगाया जाये तो इसकी सम्भावना काफी हद तक बड जाती है इसी सोच को ध्यान में रखकर  John Larson ने  1921 में इस टेस्ट को डेवेलोप किया था जो University Of California के एक मेडिकल विद्याथी थे ,921 के बाद से इस टेस्ट में काफी सुधार किया गए हैं ज्यादातर यही कोशिस की गयी है की कैसे इस टेस्ट की सत्यता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके। 


पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है/What is the Polygraph test & Process?
Polygraph Test Or Lie Detector  Test



पॉलिग्रफ टेस्ट कैसे किया जाता है /Process Of Polygraph Test

इस टेस्ट में व्यक्ति को Lie Detector Machine के साथ जोड़ा जाता है जो की उस व्यक्ति के ब्लड प्रेशर ,पल्स रेट ,दिल की धड़कन ,माथे से निकलने बाला पसीन इत्यादि का परीक्षण करती है ,जैसा की हम जाने हैं इंसान का दिमाग एक Computer Processor केस जैसा होता है हम जो भी बोलते हैं वो दिमाग से निकलकर ही आता है ऐसे में अगर हम झूट बोलना चाहें तो Processing तो दिमाग ही करेगा तो ऐसे में हमारे Outcome (परिणाम )थोड़े अलग Different हो जाते हैं जब हम झूट बोलते हैं तो ब्लड प्रेशर ,पल्स रेट ,दिल की धड़कन ,माथे से निकलने बाला पसीन ये सभी वो पैरामीटर हे जो बदल जाते हैं ऐसे में आसानी से पता लग जाता है कि इंसान सच बोल रहा है या झूट बोल रहा है, 


जिस व्यक्ति या संदिग्ध पर यह टेस्ट किया जाया है उससे पहले नार्मल प्रश्न उसका नाम ,पता ,उम्र अदि पूछे जाते है उसके बाद अचानक से उससे उस खास दिन की घटना के बारे में पूछ लिया जाता है इस अचानक सवाल से उस व्यक्ति के ऊपर साइक्लोजिकल प्रेसर बढ़ता है और Lie Detector Machine  ग्राफ में बदलाव दीखता है जिससे यह समझा जाता है की व्यक्ति झूट बोल रहा है अगर Lie Detector Machine ग्राफ में बदलाव नहीं दीखता तो यह समझा जाता है की व्यक्ति सच बोल रहा है। 


क्या पॉलीग्राफ टेस्ट को Bypass किया जा सकता है 

कुछ लोगो का मानना है की इस टेस्ट को बड़ी आसानी से बाईपास किया जा सकता है जैसा की हमने कई फिल्मों में देखा भी है तो क्या सचमे इस टेस्ट को बाईपास किया जा सकता है ,जी हाँ 


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