क्या है Suicide Machine?और क्यों स्विट्जरलैंड ने इसको मंजूरी दी ?
Sarco Pod (Suicide Machine) |
Suicide मतलव आत्महत्या या इच्छामृत्यु और भी कई अन्य नामों से इसको परिभाषित किया जाता है पर मतलव एकदम साफ है ,मृत्यु एक ऐसी मृत्यु जो न तो किसी दुर्घटना द्वारा और न ही भगवन के द्वारा वल्कि ऐसी मृत्यु जो आप अपने जीवन से परेशान होकर खुद अपने लिए चुनते हैं वो होती है इच्छामृत्यु यानी कि अपनी इच्छा से मरना विकिपेडिया के अनुसार आधुनिक युग में बढ़ती मानसिक परेशानियों और तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर हर साल प्रति एक लाख (100000) व्यक्तियों में 10.5 व्यक्ति सिर्फ आत्महत्या से अपनी जान ले लेते हैं और भारत की बात करें तो या आंकड़ा और भी जय्दा है प्रति 100000 व्यक्तियों में लगभग 12 व्यकित हर साल आत्महत्या से अपनी जान ले लेते हैं ,
सुसाइड करना क़ानूनी रूप से अपराध है कुछ देशों को छोड़कर ज़्यदातर देशों में इसको अपराध का दर्जा दिया गया है इसके बाबजूद भी बर्षों से लोग सुसाइड करते चले आ रहे हैं ये वो लोग होते हैं जो अपनी जिंदगी से तंग आ चुके होते हैं और इनके पास जीने की कोई भी बजह नहीं होती है ये लोग दुनिया से अपना नाता तोड़ चुके होते हैं और इच्छामृत्यु ही इनका आखिरी सहारा होती है,अक्सर इच्छमृत्यु को क़ानूनी रूप से लीगल करने की मांग उठती रही है जिससे की लोग अपनी मर्जी से अपनी जान दे सकें पर कुछ लोग अक्सर इसका विरोध करते चले आ रहे हैं उनका मानना है की ये जिंदगी ईश्वर की दी गयी है इसको इंसान अपने हाथों से ख़त्म नहीं कर सकता इसलिए आत्महत्या करना अपराध हैं ,
स्विट्जरलैंड की बात करें तो इसने 1942 इच्छामृत्यु को मान्य कर दिया था और इसके लिए क़ानूनी रूप से मंजरी दे दी थी जब से अब तक स्विट्जरलैंड में करीब 1300 लोग सुसाइड कर चुके हैं, अब हालहि में सुनने को आ रहा है की इसने मोत की एक मशीन सुसाइड मशीन को मंजूरी दे दी है ऐसा है तो ये सुसाइड की दुनिया में क्रांति ला देगा और ज्यादा से ज्यादा लोग इसके द्वारा सुसाइड कर सकेंगे,तो क्या है ये मशीन और यह कैसे लोगो को सुसाइड करने में मदद करेगी आइये जानते हैं -
-जानें पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है-
क्या है Suicide Machine?जो 1 मिनट के अंदर जान ले लेती है।
यह एक 3d प्रिंटेड सुसाइड मशीन हैं जो दिखने में एक ताबूत के जैसे है जिसके अंदर मोत की नींद सुला देने वाली ऐसी तकनीक है जिससे इंसान मात्रा 1 मिनट के अंदर अपनी साँसें त्याग सकता है और मौत की दुनिया को अपना बना सकता है इस मशीन का नाम SARCO POD रखा गया है SARCO शब्द SARCOPHAGUS से लिया गया है जो की एक ताबूत होता है,इसको बनाने वाले शख्स का नाम है Dr Philip Nitschke यह एक ऑस्ट्रेलियन ह्यूमनिस्ट,ओथोर और फॉर्मर फिजिशियन और फाउंडर,डायरेक्टर ऑफ़ Exit International हैं इनका मानना है की जो लोग मानसिक तनाव से ग्रषित है या ऐसे लोग जो लाइलाज बीमारी से ग्रषित जिनका इलाज सम्भव नहीं है और वो सिर्फ दर्द से कराह रहे हैं और मोत की भीख मांग रहा हैं उनको इच्छामृत्यु देने के लिए यह मशीन बनायीं है ,
इस ताबूत जैसी दिखने वाली मशीन के अंदर जब कोई इंसान प्रवेश करेगा और इसके अंदर जाकर एक बटन को तबाएगा तब जैसे ही इसके अंदर का बटन प्रेस होगा इस मशीन के अंदर लिक्विड नइट्रोजन धीरे-धीरे भरने लगेगा और मशीन के अंदर का ऑक्सीज़न लेवल धीरे-धीरे कम होता जायेगा और करीब 1 मिनट के अंदर बिना किसी दर्द के उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी इस प्रकार यह मशीन काम करने के लिए डिज़ाइन की गयी है इस मशीन को कोई भी व्यक्ति इसके अंदर से ही ऑपरेट कर सकता है और अपने आप ही इसके द्वारा अपने प्राण त्यागा सकता हैं।
Dr Philip Nitschke को Dr Death क्यों कहा जाता है?
डॉक्टर फिलीप नित्स्कके का जन्म 8 अगस्त 1947 को ऑस्ट्रेलिया में हुआ था यह एक ऑस्ट्रेलियन मानवतावादी फिजिसियन है इन्होने इच्छामृत्यु और स्वैच्छिक सहायता प्राप्त मृत्यु पर रिसर्च की है और बाद में 1997 में Exit International के नाम से एक संस्था बनायीं यह एक अंतरराष्ट्रीय गैरलाभकारी संगठन है जो स्वैच्छिक इच्छामृत्यु और आत्महत्या के पक्ष में बकालत करता है डॉक्टर फिलिप नित्स्कके ने ऑट्रेलिया के क़ानूनी इच्छामृत्यु पारित करने के लिए अभियान चलाया और सफलतापूर्वक कामयाबी भी हासिल की और इन्होने एक मोत की मशीन का निर्माण कर दिया है जो एक मिनट के अंदर ही बिना दर्द के किसी भी व्यक्ति की जान ले सकती है इसीलिए मीडिया में Dr Philip Nitschke को Dr Dath और The Elon Musk Of Assisted Suicide भी कहा जाता हैं।
जानें नार्को टेस्ट क्या होता है ?
क्या होंगे इस सुसाइड मशीन SARCO POD के प्रभाव ?
इंसानी दिमाग एक बहुत ही विचित्र संरचना है जो की हर एक घटना पर अपनी अलग प्रकार की प्रतिक्रिया देता है कभी अचानक ही दुखी हो जाता है तो कभी अचानक खुश भी हो जाता है जिसका साधारण सा मतलव होता है की इंसान की सोच ही सबकुछ है ख़ुशी ,गम ,अच्छा बुरा दुनिया में सब भ्रम है अगर दिमाग सोचना ही बंद कर दे तो न तो वह दुखी होगा और न ही सुखी होगा,ऐसे में सवाल ये उठता है जब दुनिया में सब कुछ सिर्फ दिमाग के सिर्फ सोचने मात्रा से होता है तो सोच को बदलकर लोगो की मानसिक स्थिति को सुधारा भी जा सकता है लेकिंग इस मशीन के आने के बाद क्या मानसिक रूप से बीमार लोगो के सुसाइड में बढ़ोत्तरी नहीं होगी,
कुछ लोगो का मानना है की जो लोग बृद्ध है और कोई लाइलाज बीमारी से ग्रषित है जिनका इलाज ही संभव नहीं है वो सिर्फ दर्द से कराह रहे है और अपने लिए मोत की भिक मांग रहे है उनके लिए यह मशीन उनके दर्द से निजाद पाने के लिए और इच्छामृत्यु के लिए मददगार साबित होगी पर क्या यह प्रकृति के नियमो के खिलाफ नहीं होगा कैसे कोई व्यक्ति किसी की जान लेने में मदद कर सकता हैं,
इस मशीन के द्वारा सुसाइड को बढ़ावा मिल सकता है ऐसे लोग जो बहुत जल्दी ही निराश हो जाते है और जल्दबाज़ी में अपना डिसीजन कर लेते है उनके लिए इस मशीन को लीगल करना खतरनाक साबित हो सकता है क्या होगा अगर कोई बेबजह जल्दबाजी में अपनी जान दे दे,
सुसाइड मशीन को लीगल करने से आय दिन प्यार में पागल मजनुओं की जान को भी खतरा है कहीं कोई प्यार में धोखा खाया हुआ मजनू को इसके बारे में पता चल गया तो क्या होगा।
क्या भारत में आत्महत्या लीगल है ?
भारत की बात करे तो भारत में आत्महत्या करना क़ानूनी अपराध है पर भारत में Passive Euthanasia (Passive Euthanasia मतलव ऐसे व्यक्ति जो की वेंटीलेटर पर है और ऐसी मेडिकल कंडीशन से गुजर रहा है जिसका इलाज संभव नहीं है और चाहता ही की उसको उस दर्द से निजाद मिल जाये उसका वेंटीलेटर हटाकर उसकी सांसो को रोक दिया जाये ) को लीगल किया गया है,अगर कोई बहुत ही दर्दनाक मेडिकल कंडीशन से गुजर रहा है और वह इस दर्द को बर्दाश नहीं कर प रहा है तो ऐसे में वह व्यक्ति अपनी मौत का निर्णय ले सकता है और उस दर्द से निजाद पा सकता है ,
Leaving bill को भी भारत में मान्यता दी गयी है इसमें कोई व्यक्ति अपनी वसीयत में यह लिखता है की अगर मेरी ऐसी कंडीशन आ जाये जब मेरा इलाज संभव न हो और में कुछ बता भी न सकू तो ऐसे में मुझसे बिना पूछे मेरी सांसों को रोक दिया जये और मुझे उस दर्द से मुक्ति दे दी जाये ऐसे में उसकी बसीयत के अनुसार उसको इच्छामृत्यु दे दी जाती है।
इसके आलावा अन्य किसी भी कंडीशन में भारत के अंदर व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता है इसको कानून में एक अपराध की श्रेणी में रखा गया है और ऐसा करने में आपको सजा हो सकती है।
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