Generations of Computer/ कंप्यूटर की पीढ़ियां

Computer Generation in hindi


पहले के समय में कंप्यूटर पीढ़ियों का अर्थ कंप्यूटर की हार्डवेयर टेक्निक में बदलाव से लगाया  जाता था,वर्तमान में पीढ़ियों का अर्थ हार्डवेयर व् सॉफ्टवेयर दोनों की टेक्निक में बदलाव से लगाया जाता है,हर पीढ़ी के कंप्यूटर को उनके द्वारा उपयोग में ली जाने वाली टेक्निक के आधार पर विभाजित किया जाता है। 
 
कंप्यूटर की पीढ़ियों को मुख्य रूप से पांच भागो में वांटा गया है - 
1- प्रथम पीढ़ी (1946-1956)
2- द्वितीय पीढ़ी(1956-1964) 
3- तृतीय पीढ़ी (1964-1971)
4- चौथी पीढ़ी (1971-1985)
5- पांचवी पीढ़ी (1985-से अब तक )





1- कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी/First Generation Of Computer (1942-1956 )

computer second generation Vacuum tube


इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में वैक्यूम टुब(Vacuum Tube) तथा डेटा भण्डारण (Data Storage)के लिए चुम्बकीय ड्रम का प्रयोग किया गया था 

कंप्यूटर की इस पीढ़ी का प्रारम्भ सन 1946 में हुआ सर्वपर्थम सम्पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर एनिएक ANIAC (Electronic Numerical Integrator And Computer) का अविष्कार किया गया जिसे अमेरिका के पेंसिल्बेनिया विश्वविद्यालय के जॉन मचली तथा जे.प्रेस्पर एकर्ट ने बनाया था
इसे यूनाइटेड स्टेटस आर्मी के लिए बनाया गया था जो उनकी जो उनके तोफखानो की फायरिंग टेबल को कैलकुलेट करता था 

इस पीढ़ी में ANIAC के आलावा अन्य कंप्यूटर 

एडसैक /EDSEC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator) 

एड्वैक /ADVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer)

यूनिवैक /UNIVAC (Universal Automatic Computer)


प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएं 
  • इन कंप्यूटर में वैक्यूम तुबे टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया था। 
  • बहुत काम विश्वशनीय होते थे हमेशा रिजल्ट गलत दिया करते थे। 
  • यह केवल मशीन भाषा (Language ) को ही सपोर्ट करते थे। 
  • यह कंप्यूटर बहुत महंगे थे। 
  • यह बहुत ही जल्दी गर्म हो जाते थे। 
  • प्रोसेसिंग बहुत ही धीमी थी। 
  • इनका आकार बहुत ही बड़ा था ये बहुत ज्यादा स्थान घेरते थे। 
  • इन्हें ठंडा रखने के लिए AC का प्रयोग किया जाता था। 
  • ये पोर्टेबल नहीं थे एक स्थान से दूसरे स्थान पे बदलना बहुत ही मुश्किल काम था। 
  • इनमे बहुत ही ज्यादा बिजली का इस्तेमाल होता था। 



2- कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी/Second Generation Of Computer (1956-1964)


computer second generation Transistors


द्वितीय पीड़ी (Second Generation) के कंप्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में ट्रांज़िस्टर (Transistor) का उपयोग किया गया था इन कंप्यूटर में मशीनी भाषा के स्थान पर असेंबली भाषा का उपयुयग हुआ था और डाटा को स्टोर करने के लिए पांच कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था यह कंप्यूटर प्रथम पीड़ी के कंप्यूटर से कहीं बेहतर हो चुके थे।,

कंप्यूटर की इस पीड़ी को 1956-1964 के समय तक माना जाता है द्वितीय पीढ़ी में बहुत सारे कप्यूटर का निर्माण हुआ जो इस प्रकार है 

IBM7030

Honeywell 400

CDC 1604  

द्वितीय पीड़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ 
  • इन कम्प्यूटर में ट्रांसिस्टर का उपयोग किया गया था जो की प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर से अधिक शक्तिशाली थे। 
  • इनका आकार पहले के कंप्यूटर से बहुत छोटा था और यह कम जगह घेरते थे 
  • इनका तापमान प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से बहुत कम होता था और यह बहुत कम बिजली की खपत पर चलते थे 
  • इन कम्प्यूटर की काम करने की स्पीड तेज होती थी। 
  • इस दौर में COBOL तथा FORTRAN जैसे प्रोग्राम लेंगुएज का विकाश हुआ। 
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रिंटर एवं ऑपरेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। 




3- कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी/Third Generation Of Computer (1964-1971)

computer third generation Integrated ciruit


तीसरी पीड़ी के कंप्यूटर पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली और विश्वशनीय थे इन कंप्यूटर में ट्रांज़िस्टर(Transistor) के स्थान पर इंटीग्रेटेड(Integrated Circuit) सर्किट का इस्तेमाल किया गया था जो कंप्यूटर के आकार को और भी अधिक छोटा बनाने में सहायक रहा इस पीढ़ी में डाटा स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक डिस्क का पयोग किया गया इस पीढ़ी में सबसे पहले इनपुट तथा आउटपुट के लिए कीयबोर्ड और मॉनिंटर का प्रयोग किया गया था,कई प्रकार की उच्चस्तरीय हाई लेवल भाषाओं की शुरुआत इस पढ़ी में हुयी। 

इस पीढ़ी को 1964-1971 समय के मध्यांतर रखा गया है तीसरी पीड़ी में बहुत सारे कंप्यूटर का निर्माण हुआ जो इस प्रकार है -

IBM-360

IBM-370

CDC-6600

PDP-8

PDP-11

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएँ -

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा विश्वश्नीय थे और पहले से ज्यादा सटीक तरीके से कार्य करने में सक्षम थे। 
  • पहले की दोनों पीढ़ियों के कम्प्यूटरों से आकार में छोटे थे और उनसे कम स्थान घेरते थे तथ कम तापमान उतपन्न करते थे।  
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ट्रांज़िस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) IC का पयोग किया गया था। 
  • यह कंप्यूटर पहले की तुलना में अधिक तेज थे। 
  • आकार में छोटे होने के कारन इनके रख रखाव में काम खर्च होता था। 
  • पहले की तुलना इनमे बिजली की खपत कम होती थी। 



4 - कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी/Forth Generation Of Computer (1971-1985)

Computer forth generation micro processor


इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहले की तुलना में और भी कई अधिक शक्तिशाली बन चुके थे,इस पढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) का आरम्भ हुआ जिसमे हजारों आईसी एक सिंगल चिप का लगायी जा सकती थी इस पीढ़ी में Large scale integrated (L.S.I) का निर्माण किया गया जिसमे लगभग 5000 ट्रांज़िस्टर को एक साथ जोड़ा गया और आगे चलकर L.S.I का विस्तार Very Large Scale Integrated (V.L.S.I) कर दिया गया,Intel corporation ने 1971 में पहला माइक्रोचिप तैयार किया जिसका माइक्रोप्रोसेसर कहा जाना लगा। इस जनरेशन के कंप्यूटर में डाटा स्टोरेज कंप्यूटर के अंदर ही समाहित कर दिया गया जिससे कंप्यूटर का आकार बहुत ही छोटा हो गया। 

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी की सुरुवात 1971-1985 के मध्य मानी जाती है जिसमे मुख्य रूप से इन कम्प्यूटरों का विकाश हुआ -

CRAY-I

CRAY-II

APPLE-II

VAX-900

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटरों की मुख्य विशेषताएँ -

  • इस पढ़ी के कम्प्यूटरों में VLSI का उपयोग किया गया। 
  • नयी तकनीक के इस्तेमाल के कारण यह कंप्यूटर बहुत ही सस्ते हो चुके थे। 
  • पहली ,दूसरी,तीसरी पीढ़ी की तुलना में यह आकार में छोटे तथा कम स्थान में समाहित हो जाते थे जिसे इनकी मांग बहुत तेजी से बढ़ने लगी। 
  • इस पीढ़ी में पर्सनल कंप्यूटर का विकाश हुआ जिससे लोगो के पास अपने पर्सनल कंप्यूटर होने लगे। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में बहुत अधिक देता भंडारण की क्षमता थी 
  • पहली तीनो पीढ़ी की तुलना में यह गति में बहुत अधिक तेज थे तथा इस पीढ़ी में कम्प्यूटरों के विभिन्न नेटवर्कों का विकाश हुआ। 



5- कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी/Fifth Generation Of Computer (1985-अब तक)


इस कंप्यूटर की पीढ़ी को आधुनिक पीढ़ी कहा जाता है इस पीढ़ी के कंप्यूटर आधुनिक युग में प्रयोग किये जाते है कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी में एक नए तकनीक का विकाश हुआ जिसे Ultra Large Scale Integrated Circuit(ULSI) के नाम से जाना जाता है (जिसके अंतर्गत मइक्रोप्रोसेसर चिप में 10 लाख तक इलेक्ट्रॉनिक उपकारों का उपयोग किया जा सकता है) इस पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धि ,मोबाइल संचार ,सेटेलाइट संचार,का आरम्भ हुआ ,इस पीढ़ी में java.VB,.net जैसे हाई लेवल लेंगुएज की रुरुआत हुयी 

आज के कंप्यूटर इतने विकसित हो चुके है की हर क्षेत्र में काम कर सकते है जैसे ,एकाउंटिंग,इंजीन्यरिंग,कला,फोटोग्राफी,प्रिंटिंग,तथा विभिन्न कार्यों में इनका प्रोयोग किया जा रहा है जिससे कंप्यूटर जगत में एक क्रांति आ गयी है,इस पीढ़ी में दिन व दिन कम्प्यूटरों के आकर को घटने का प्रयास किया जा रहा है। 

कंप्यूटर की इस पीढ़ी को 1985 से वर्तमान के समय तक मना जाता है इसमें मुख्य रूप से इन कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ -

IBM

PENTIUM

PARAM

NOTEBOOK


पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है -

  • इस पीढ़ी में कम्प्यूटरों को विभिन्न अकार में बनाया गया जैसे डेक्सटॉप ,लेपटॉप ,टेब इत्यादि जिससे इसके पयोग में बहुत ही आसानी हुयी 
  • इस पीढ़ी में इंटरनेट की शुरुआत हुयी जिसने आधुनिक युग में कम्प्यूटरों में क्रांति ला कर रख दी। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ULTRA LARGE SCALE INTEGRATED CIRCUIT का इस्तेमाल किय गया। 
  • इस पीढ़ी में मल्टीमीडिया का विकाश हुआ जिसके द्वार म्यूजिक ,वडिओ गाने का बहुत तेजी से विकाश हुआ। 
  • कम्प्यूटरों की ताकुनिक बहुत अधिक विकशित होने के करना इसके जरिया विभिन्न कामो को किया जाने लगा ,जैसे फिल्म निर्माण ,फोटोग्राफी,एकाउंटिंग,वीडियो कॉल,लाइव स्ट्रीम ,इत्यादि  



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